वाणिज्य शिक्षा वर्तमान परिस्थिति अनुरूप बनाया जाए-प्रो. देवनानी
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वाणिज्य शिक्षा को वर्तमान परिस्थिति के अनुरूप बनाया जाए-प्रो. देवनानी
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एडमिनिस्ट्रेशन और, में वाणिज्य शिक्षा है एक स्थापना की अधिक है.
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तब वाणिज्य शिक्षा में सवाइया, पव्वा व अद्धा आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था।
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उन्होंने कहा कि वाणिज्य शिक्षा एवं पाठ्यक्रमों के निर्धारण में वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउण्टेन्ट्स को भी भागीदार बनाया जाना चाहिए।
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इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स संस्थान क्षेत्र के कारोबार के लिए आमंत्रित ई वाणिज्य शिक्षा और अनुभव को बढ़ावा देने में सक्रिय भाग लेने....
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खबरएक्सप्रेस, शिक्षा राज्यमंत्री प्रो.वासुदेव देवनानी ने कहा है कि वाणिज्य शिक्षा एवं तत्संबधी पाठ्यक्रम को वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप बनाया जाना चाहिए।
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उनकी वाणिज्य शिक्षा का प्रभाव उनके लेखन में भी झलकता है कि झाजी कितने नाप-तोल और गिन कर शब्दों का उपयोग करते हैं।
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एक समय था जब देश में वाणिज्य शिक्षा का जोर था क्योंकि उस समय बैंकों के राष्ट्रीयकरण नया होने से उसमें रोजगार के अवसर अधिक थे।
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एक समय था जब देश में वाणिज्य शिक्षा का जोर था क्योंकि उस समय बैंकों के राष्ट्रीयकरण नया होने से उसमें रोजगार के अवसर अधिक थे।